बाप नंबरी बेटा दस नंबरी 44 करोड़ के ड्रायफ्रूट माफिया पर DRI की सर्जिकल स्ट्राइक अब ED की एंट्री तय
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अखरोट व्यापारी स्नेह ककड़िया DRI की गिरफ्त मै, पिता दीपक ककड़िया फरार! इन दोनों के उपर Customs Act की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज
 
बाप बेटा मिलकर चला रहे थे अक्रोट आयात की सिंडिकेट ,मसाला मार्केट के कई और व्यापारी DRI के राडार पर .
 
ड्यूटी चोरी का तरीका:चिली से खरीदे गए अखरोट की असली कीमत $2.70/किलो ,लेकिन भारत में इनवॉइस में सिर्फ $1.50/किलो दिखाया गया ,100 % बेसिक कस्टम ड्यूटी बचाने के लिए यह हेराफेरी की गई
 
एक कंपनी से कुल 3,610 मीट्रिक टन अखरोट गलत मूल्य पर क्लियर किए गए जिसका अनुमानित ₹44 करोड़ की कस्टम ड्यूटी की चोरी बाकी के खुलासा जल्दी
 
दुबई की फर्जी एंट्री:असली इनवॉइस को Euro Seven General Trading LLC (दुबई) के जरिए घुमाया गया और भारत में नकली और अंडरवैल्यू इनवॉइस पेश किए गए
 
 
नवी मुंबई | एपीएमसी न्यूज नेटवर्क
देश के सबसे बड़े ड्रायफ्रूट घोटालों में से एक का पर्दाफाश करते हुए डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने 44 करोड़ की कस्टम ड्यूटी चोरी के मामले में स्नेह दीपकभाई काकड़िया को गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला नवी मुंबई एपीएमसी मार्केट के मसाला मार्केट में स्थित M/s Angel Enterprise,M/s Dipak Trading Co.इन कंपनियों का इस्तेमाल अखरोट आयात में धोखाधड़ी के लिए किया गया है . अखरोट आयात के नाम पर एक संगठित माफिया सिंडिकेट मुख्य आरोपी स्नेह काकडिया और उसके पिता दीपक काकड़िया चला रहे थे .
इस सिंडिकेट का मास्टरमाइंड दीपक काकड़िया फिलहाल फरार है, लेकिन उसके बेटे स्नेह को 25 जून को सूरत इंटरनेशनल एयरपोर्ट से देश छोड़ने की कोशिश करते हुए दबोच लिया गया। DRI के मुताबिक स्नेह और उसके पिता ने मिलकर फर्जी बिलिंग, हवाला नेटवर्क और कस्टम टैक्स चोरी का खेल सुरु किया था .अभी तक एक कंपनी से 44 करोड़ रुपये की ड्यूटी चोरी का मामला सामने आया है बाकी और कई कंपनियों की जाँच की जा रही है .सूत्रो से पत्ता चला है की ये आंकड़ा लगभग 200 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है.
 
DRI की सर्जिकल स्ट्राइक: कैसे हुआ पर्दाफाश?
 
•44 करोड़ की चोरी सिर्फ एक कंपनी से: “दीपक ट्रेडिंग” के जरिए चिली से आए अखरोट को कम दाम का इनवॉइस दिखाकर कस्टम डिपार्टमेंट को धोखा दिया गया। चिली से खरीदे गए अखरोट की असली कीमत $2.70/किलो लेकिन भारत में इनवॉइस में सिर्फ $1.50/किलो दिखाया गया.जिसमे 100% बेसिक कस्टम ड्यूटी बचाने के लिए यह हेराफेरी की गई. कुल 3,610 मीट्रिक टन अखरोट गलत मूल्य पर क्लियर किए गए
जिसकी अनुमानित ₹44 करोड़ की कस्टम ड्यूटी की चोरी सामने आई है . दुबई की फर्जी एंट्री - असली इनवॉइस को Euro Seven General Trading LLC (दुबई) के जरिए घुमाया गया और भारत में नकली और अंडरवैल्यू इनवॉइस पेश किए गए.
-फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल: कर्मचारियों के नाम पर बनवाई गई फर्जी कंपनियों के जरिए ड्रायफ्रूट की हेराफेरी की गई जिस पर DRI छानबीन कर रही है .
•GST की भी भारी चोरी: कम वैल्यू इनवॉइस दिखाकर जीएसटी से भी करोड़ों की चोरी का आरोप .
 
डिजिटल सबूतों से फंसा बेटा
 
•DRI ने स्नेह के ईमेल अकाउंट से फर्जी इनवॉइस, बीमा दस्तावेज और हवाला ट्रांजैक्शन के डिजिटल सबूत जब्त किए हैं।
•पूछताछ के दौरान स्नेह ने सहयोग नहीं किया, लेकिन फोरेंसिक टीम ने पूरा नेटवर्क ट्रेस कर लिया।
 
माफिया सिंडिकेट की जड़ें पूरे देश में फैली
•नवी मुंबई एपीएमसी मसाला मार्केट के F-29 गाला से शुरू हुआ घोटाला अब पुणे, सूरत, इंदौर और दिल्ली तक फैलने की आरप.
•Euro Seven General Trading LLC (दुबई) के ज़रिए असली इनवॉइस छुपाए गए।
•मुंबई एपीएमसी व सूरत से सारा गोरखधंधा ड्रायफ्रूट के नाम पर – लेकिन असल में हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग का खेल।
 
ड्रायफ्रूट एसोसिएशन की भी मिलीभगत?
 
स्नेह को ड्रायफ्रूट एसोसिएशन में ऊँचा पद दिलाकर अंदरूनी सिस्टम का फायदा उठाया गया।
•मार्केट को अंदर से कंट्रोल करने के लिए एसोसिएशन को ढाल बनाया गया।
•बेटे को बचाने के लिए दीपक ककड़िया दिल्ली के नेताओं के दरवाजे खटखटा रहा है।
•सूत्रों की मानें तो कई राजनेताओं को इस मामले में खींचा जा सकता है।
 
अब ED की कार्रवाई तय
 
•एक सामाजिक संस्था ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) में शिकायत दर्ज करवाने की तैयारी शुरू कर दी है।
 
•जांच अब सिर्फ कस्टम ड्यूटी की नहीं, फॉरेन एक्सचेंज वायलेशन, हवाला ट्रांजैक्शन और मनी लॉन्ड्रिंग तक जाएगी।
 
मुंबई APMC ड्रायफ्रूट मार्केट पर दाग
•सूत्रों के मुताबिक 15-20 व्यापारी इस घोटाले में शामिल, जिन पर अब DRI की कड़ी नजर।
 
-APMC ड्रायफ्रूट एसोसिएशन को ऐसे घोटालेबाजों से खुद को अलग कर, सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि छोटे व्यापारियों का विश्वास बना रहे।
 
“बाप नंबरी, बेटा दस नंबरी!” – यह कहावत अब भारत के सबसे बड़े ड्रायफ्रूट घोटाले पर बिल्कुल सटीक बैठती है। कस्टम ड्यूटी से लेकर हवाला नेटवर्क तक फैले इस घोटाले ने APMC मार्केट की साख को हिला दिया है। अब निगाहें ED की आने वाली कार्रवाई पर टिकी हैं — क्या यह माफिया नेटवर्क जड़ से खत्म होगा?