CBIC सम्मेलन: वित्त मंत्री ने करदाताओं की सेवा और व्यापार सुगमता पर दिया जोर

CBIC सम्मेलन: वित्त मंत्री ने दिए करदाताओं की सेवा व व्यापार सुगमता को मजबूत करने के निर्देश
-केंद्रीय वित्त मंत्री   निर्मला सीतारमण ने CBIC सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए दिए अहम निर्देश:
-94.3% GST रिटर्न फाइलिंग
-2.23 लाख करोड़ की कर चोरी पकड़ी
-85% रिफंड 60 दिन में निपटाए
-2,140+ किलो सोना जब्त कर SPMCIL को सौंपा
-शिकायतों का समाधान अब औसतन 9 दिनों में!
एपीएमसी न्यूज नेटवर्क : नई दिल्ली में आज केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री   निर्मला सीतारमण ने की। इस उच्चस्तरीय बैठक में सीबीआईसी के प्रमुख मुख्य आयुक्त, मुख्य आयुक्त और निदेशक शामिल हुए। सम्मेलन का उद्देश्य CGST और सीमा शुल्क ज़ोन के प्रदर्शन को सुदृढ़ करना और करदाताओं की सेवा तथा व्यापार सुगमता के लिए स्पष्ट दिशा तय करना रहा।वित्त सचिव अरविंद श्रीवास्तव, CBIC अध्यक्ष संजय कुमार अग्रवाल, बोर्ड के सदस्य एवं राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
तिरुवनंतपुरम ज़ोन के प्रयासों की सराहना
सम्मेलन में तिरुवनंतपुरम ज़ोन के प्रमुख आयुक्त द्वारा जीएसटी पंजीकरण और अपीलों के क्षेत्र में किए गए कार्यों की सराहना की गई।
प्रमुख उपलब्धियां और प्रदर्शन सूचकांक
बैठक में प्रस्तुतियों के माध्यम से CBIC की निम्नलिखित उपलब्धियां उजागर की गईं:
•GSTR-3B फाइलिंग: 2024–25 में राष्ट्रीय औसत 94.3% तक पहुँचा।
•रिफंड प्रक्रिया: 85% जीएसटी रिफंड 60 दिनों की समय-सीमा में निपटाए गए।
•ऑडिट कवरेज: 88.74% लक्ष्य आधार को कवर किया गया, जो 2022–23 में 62.21% था।
•कर चोरी: ₹2.23 लाख करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी गई, जिसमें से ₹28,909 करोड़ स्वेच्छा से वसूल किए गए।
•शिकायत निवारण: औसतन 9 दिनों में CPGRAMS शिकायतों का समाधान हुआ – शीर्ष 5 मंत्रालयों में शामिल।
•सीमा शुल्क सुगमता: 2025 में 86% कार्गो जोखिम प्रबंधन प्रणाली से निपटा, 2022 में यह 82% था।
•जब्त सोना: FY 2024–25 में 2,140 किलोग्राम से अधिक सोना SPMCIL को सौंपा गया।
वित्त मंत्री द्वारा दिए गए निर्देश
वित्त मंत्री ने सीबीआईसी की सराहना करते हुए कई अहम निर्देश दिए:
•GST पंजीकरण को सरल बनाएं: तकनीक-आधारित, जोखिम-आधारित और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने पर जोर।
•प्रलेखन जागरूकता अभियान: ‘मुख्य व्यवसाय स्थल’ के दस्तावेज़ों को लेकर जागरूकता बढ़ाने के निर्देश।
•सहायता डेस्क की स्थापना: सभी CGST ज़ोन में करदाताओं की मदद के लिए डेस्क स्थापित हों।
•सेवा केंद्रों का संचालन: GST सेवा केंद्र और सीमा शुल्क ‘तुरंत सुविधा केंद्र’ को सुचारू रूप से चलाने पर जोर।
•जांच व रिफंड जल्द निपटाएं: MSME और निर्यातकों के लिए रिफंड प्रक्रिया और जांच शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश।
•शिकायतों का शीघ्र समाधान: CPGRAMS शिकायतों के समाधान हेतु ज़ोनल टीमें नियुक्त करने के निर्देश।
•सीमा शुल्क समय कम करें: बंदरगाहों व ICDs पर टर्नअराउंड समय घटाकर व्यापार प्रतिस्पर्धा बढ़ाने पर बल।
•अनुशासनात्मक कार्यवाही पूरी करें: लंबित मामलों का त्वरित निपटारा और रिक्त पदों की शीघ्र भरती।
•फील्ड टीमों को सशक्त करें: प्रशासनिक दक्षता के लिए बेहतर स्टाफिंग और प्रक्रियाओं का सरलीकरण।
ICETAB लॉन्च: निर्यात प्रक्रिया में क्रांति
राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने सम्मेलन में ICETAB डिवाइस का उद्घाटन किया, जो निर्यात जांच में लागत और समय घटाने हेतु डिज़ाइन किया गया है। यह भारत की लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPI) रैंकिंग को सुधारने की दिशा में एक अहम कदम है।
आगे की दिशा
अपने समापन भाषण में वित्त मंत्री ने सभी प्रमुख आयुक्तों और महानिदेशकों से व्यापार संगठनों व करदाताओं के साथ सक्रिय संवाद बढ़ाने और कर प्रशासन में सुधार हेतु व्यावहारिक सुझाव देने की अपील की। उन्होंने दोहराया कि करदाता विश्वास, शिकायत निवारण और व्यापार सुगमता को सीबीआईसी की कार्यप्रणाली का मूल आधार बनाया जाए।