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Maharashtra Election Result :महायुति को महाराष्ट्र में मिली बंपर जीत, 288 में से 234 सीटों पर कब्जा

APMC Admin | November 23 , 2024 | Politics
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मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा का बहुप्रतीक्षित चुनाव परिणाम आ गया। 288 सीटों पर आए चुनाव परिणाम ने राजनीतिक पंडितों की भविष्यवाणियों को भी झूठा साबित करते हुए महायुति ने प्रचंड जीत दर्ज़ की। हरियाणा की तरह महाराष्ट्र चुनाव में भी ‘बंटेंगे, तो कटेंगे’ और ‘एक हैं, तो सेफ हैं’ जैसे नारों का शोर खूब सुनाई दिया। इसका सीधा फायदा बीजेपी और महायुति को हुआ। वहीं, विपक्ष ने इन नारों की काट के रूप में ‘न बंटेंगे, न कटेंगे ’ जैसे नारे लगाए, लेकिन वे पब्लिक में उतने लोकप्रिय नहीं हुए।


 

बीजेपी ने महाराष्ट्र में इतिहास की सबसे बड़ी जीत दर्ज़ की। वहीं, विपक्षी महाविकास आघाडी अपने न्यूनतम स्कोर पर सिमट गई। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से महायुति 228, महाविकास आघाडी 47 और अन्य 13 सीटें जीतने में सफल रहे। महायुति में बीजेपी ने जहां 132 सीटें जीतीं, वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पहला विधानसभा चुनाव लड़ रही शिवसेना ने 55 सीटें और अजित पवार की एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत दर्ज़ की।


 

महाराष्ट्र में किसको मिली कितनी सीटें

-कुल सीटें: 288

-महायुति: बीजेपी-133, शिंदे गुट-57, अजित गुट-41

-महाविकास आघाडी: उद्धव सेना-20, कांग्रेस-15 और शरद गुट-10


 

हिंदुत्व के ध्रुवीकरण में सफल रही BJP


 

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस विधानसभा चुनाव में ‘बंटेंगे, तो कटेंगे’ और ‘एक हैं, तो सेफ हैं’ जैसे नारों से बीजेपी हिंदुत्व का ध्रुवीकरण करने में सफल रही। चुनाव में यह नारा निर्णायक साबित हुआ। इसकी झलक उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विजयी भाषण में भी देखने को मिली। सबसे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने ‘बंटेंगे, तो कटेंगे’ का नारा दिया था। इस नारे को बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संशोधित करते हुए ‘एक हैं, तो सेफ हैं’ कर दिया। राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि बीजेपी ने इस नारे को पूरी आक्रामकता के साथ आगे बढ़ाया। इसका मूल उद्देश्य हिंदू वोटों का धुव्रीकरण था, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद से ही बीजेपी ने यह रुख साफ़ कर दिया था कि मुस्लिम वोट उनके पक्ष में नहीं आएंगे। इसकी काट के रूप में उन्होंने दोनों नारों को आगे किया। महाराष्ट्र में मोदी-योगी की जनसभाओं के माध्यम से हिंदुत्व के पक्ष में माहौल बनाया और रिजल्ट से साफ़ हो गया है कि इसका फायदा बीजेपी को मिला है। वहीं, कांग्रेस के राहुल गांधी का जातिगत गणना, आरक्षण कार्ड और संविधान की पुस्तक दिखने वाला दांव नहीं चला है।


 

महायुति को मराठा की काट ओबीसी में मिली लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में मराठा वोटरों ने एकमुश्त महाविकास आघाडी को वोट दिया था, इससे बीजेपी को बहुत तगड़ा झटका लगा था। बीजेपी ने मराठा वोटरों की काट के लिए ओबीसी को आरक्षण के नाम पर आगे किया। बीजेपी ने ओबीसी के चंद्रशेखर बावनकुले को पार्टी अध्यक्ष बनाया और माली, धनगर, बंजारा समुदायों को एकजुट कर चुनाव में उतारा। सरकार ने बंजारा विरासत म्यूजियम, धनगर समुदाय की वर्षों पुरानी मांग को मानते हुए अहमदनगर का नाम बदलकर अहिल्याबाई नगर रख दिया। उम्मीदवारों का चयन करते समय भी महायुति के दलों ने ओबीसी समाज का विशेष ध्यान रखा। मराठा प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में ओबीसी समाज को एकजुट कर बीजेपी ने मराठवाडा, पश्चिम क्षेत्र और विदर्भ की लगभग 155 सीटों पर अपना हित साध लिया

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