Budget 2022 : किसानों को नई संजीवनी देगा नया आम बजट,ऋण लक्ष्य बढ़कर होंगे 18 लाख करोड़ रुपए
नवी मुंबई: उत्तरप्रदेश सहित देश के 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पूर्व साल 2022 का आम बजट 1 फरवरी को पेश होने जा रहा है। चूँकि, देश की सियासी दिशा व दशा निर्धारित करने वाले उत्तरप्रदेश का पश्चिमी सूबा जहां किसान नेताओं का गढ़ है और बीते अरसे भर से किसानों की आत्महत्याओं की बढ़ती दर तथा मोदी सरकार व्दारा नए कृषि कानून लादने, फिर किसानों के प्रखर विरोध प्रदर्शन-आंदोलन के बाद उन्हें वापस लिए जाने की जो कवायद हुई, उस समूचे समीकरण को ध्यान में रखते हुए नए आम बजट के किसानों के लिए नई संजीवनी साबित होने के प्रबल आसार हैं। वजह यह है कि खासकर यूपी के विधानसभा चुनाव केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार के लिए एक तरह से 2024 के आम चुनाव का लिटमस टेस्ट हैं और भारत वैसे भी कृषि प्रधान देश कहा जाता है। साथ ही, मोदी सरकार ने वर्ष 2015 में ही घोषणा कर दी थी कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी।
मंथ-ऐंड में होगा निर्धारण
कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार व्दारा आगामी बजट में अपने कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 18 लाख करोड़ रुपए किए जाने की संभावना है। नया केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। जारी वित्त वर्ष के लिए कृषि ऋण का लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ रुपए है। सरकार हर साल कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ा रही है। सूत्रों के मुताबिक इस बार भी लक्ष्य को बढ़ाकर 18 से 18.5 लाख करोड़ रुपए किया जा सकता है। यह लक्ष्य इस महीने के अंतिम सप्ताह में निर्धारित होगा, जब बजट के आंकड़े फाइनल हो जाएंगे। इसलिए कृषि का विकास भी इसी बजट पर निर्भर करता है।
ऋण की आमद में लगातार वृद्धि
बैंकिंग क्षेत्र के लिए सरकार वार्षिक कृषि ऋण लक्ष्य निर्धारित करती है। इसमें फसल ऋण का उद्देश्य भी शामिल है। समय के साथ कृषि में निवेश तेजी से बढ़ा है। नतीजतन, कृषि ऋण की आमद में लगातार वृद्धि हुई है और यह आंकड़ा हरेक वित्त वर्ष में लक्ष्य से ज्यादा हो गया है। पहले 2017-18 के लिए कृषि ऋण का लक्ष्य 10 लाख करोड़ रुपए था, लेकिन उस वर्ष किसानों को 11.68 लाख रुपए का ऋण दिया गया था। इसी तरह वित्त वर्ष 2016-17 में 10 लाख 66 हजार करोड़ रुपए के फसल ऋण का वितरण किया गया। हालांकि, लक्ष्य 9 लाख करोड़ रुपए का था। सूत्रों का कहना है कि कृषि क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने में ऋण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संस्थागत ऋण भी किसानों को गैर-संस्थागत स्रोतों से उच्च ब्याज दरों पर उधार लेने से बचने में मदद करता है। आम तौर पर कृषि कार्य के लिए 9% ब्याज पर ऋण दिया जाता है। लेकिन किसानों को सस्ता कर्ज देने के लिए सरकार अल्पकालिक फसली कर्ज पर ब्याज में छूट देती है। सरकार की यह नीति किसानों को राहत देती है और कम ब्याज दरों से खुली सांस भी।
महज 4 % ब्याज पर ऋण
सरकार किसानों का उत्पादन बढ़ाने के लिए 3 लाख रुपए तक के अल्पावधि फसल ऋण पर 2 प्रतिशत ब्याज वसूलती है। किसानों को 7% की आकर्षक ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाता है। इसके अलावा, समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों को भी 3 फीसदी प्रोत्साहन राशि दी जाती है। उस स्थिति में ऋण पर ब्याज दर 4 प्रतिशत है। इसके अलावा, पिछले कुछ वर्षों में अधिक रियायतें और नवीन योजनाएं पेश की गई हैं, जिससे किसानों के आर्थिक विकास में मदद मिली है।