मुंबई APMC परिसर मै खाद्य तेल में मिली जानवरों की चर्बी 3B क्राइम ब्रांच की बड़ी करवाई
 
जानवरों की चर्बी से खाद्य तेल बनाने वालों के खिलाफ कानून भी नरम
क्राइम ब्रांच ने एपीएमसी परिसर   में खाद्य तेल में मिलावट करने वाली एक फैक्ट्री पर कार्रवाई की थी.
सैंपल जांच के लिए भेजे गए तो पता चला कि उनमें जानवरों की चर्बी मौजूद
 
नवी मुंबई : अन्न औषध प्रशासन बिभाग की और से   सिलसिलेवार करवाई   के बावजूद, प्रशासन जानवरों की चर्बी   से बने खाद्य तेलों की बिक्री को नियंत्रित करने में विफल रहा है । इसका मुख्या कारण अन्न औषध प्रशासन के कुछ अधिकारिओं की मिलीभगत से यह रॉकेट कई सालो से चल रहा था। इस गंभीर अपराध करने वाले लोगों पर मामला दर्ज करने के लिए कड़ी धारा का अभाव है। क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने कहा कि ऐसे उत्पाद गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं। “ऐसा तेल, अगर लगातार लिया जाए, तो कैंसर सहित बड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है। हमें बहुत सावधान रहना होगा और ऐसे उत्पादों की बिक्री पर कड़ी निगरानी रखनी होगी
मुंबई एपीएमसी मार्केट परिसर में खाद्य तेल में मिलावट करने वाली एक गोदाम   पर नवी मुंबई क्राइम ब्रांच ने दो महीने पाहिले कार्रवाई की थी। जब उसके सैंपल जांच के लिए भेजे गए तो पता चला कि उनमें जानवरों की चर्बी मौजूद है . कई सालों से इस परिसर मै गोदाम   चलाई जा रही थी. खाने के सभी   ब्रांडेड   तेल, राई के तेल में जानवरों की चर्बी की मिलावट कर उसे बेचा जाता था। इस मामले मै एपीएमसी पुलिस स्टेशन मै   आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
क्राइम ब्रांच पुलिस को एपीएमसी इलाके में खाद्य तेल में मिलावट की सूचना मिली थी. उसके आधार पर, वरिष्ठ निरीक्षक अबासाहेब पाटिल की टीम ने 5 सितंबर को गौतम एग्रो इंडिया खाद्य तेल पैकिंग कंपनी पर छापा मारा। इस समय, कुछ श्रमिकों को मूंगफली का तेल और राई का तेल बनाने के लिए   विभिन्न पदार्थों के साथ मिलाते हुए पाया गया। इस तेल को नामी कंपनियों के बैग में पैक कर बिक्री के लिए भेजा जाता था । तेल में मिलावट के लिए वहां बड़े-बड़े टैंक खड़े कर मशीन से जोड़ दिए गए। मिलावटी तेल को स्टोर करने के लिए गोडावून भी बनाया गया था।
इस ऑपरेशन के बाद अलग-अलग तेल के सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे गए. हाल ही में जब उसकी रिपोर्ट पुलिस को मिली तो   उसमें जानवरों की चर्बी होने की चौंकाने वाली बात सामने आई। इससे इस मिलावटी तेल बिक्री फैक्ट्री को चलाने वाले व्यक्ति द्वारा कई वर्षों तक नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खेले गए खेल का खुलासा हुआ है। तदनुसार, बुधवार रात एपीएमसी पुलिस स्टेशन में विशाल गाला, खुशाल नागदा, नीलेश राजगोर, सोहम शिंदे, दिनेश जोशी, विनोद गुप्ता, मदन और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, मास्टरमाइंड गाला के बारे में अधिक जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन संभावना है कि इस रैकेट में कई अन्य लोग शामिल हैं और आगे की जांच जारी है,
रिपोर्ट में तेल में मिलावट की बात सामने आने पर मामला दर्ज होने के बाद जल्द ही पुलिस की ओर से संबंधित को नोटिस जारी किया जाएगा। लेकिन लाखों नागरिकों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ के बावजूद उन्हें जमानत पर रिहा किये जाने की आशंका जाते जा रही है।   इसका कारण अन्न औषध प्रशसन के वरिष्ठ अधिकारी है ,इन अधिकारीयों के साथ मिलकर कई सालो से यह गिरोह सक्रीय है।   मुंबई एपीएमसी मसाला मार्केट एल   विंग मै भी एक तेल के गोदाम पर अन्न औषध प्रशासन के अधिकारिओं ने कई वार   छपा मारकर सैंपल लेकर जाते है लेकिन उनका रिपोर्ट कभी आती नहीं है   . इसलिए इन मिलावट खोरों का साम्राज्य बढ़ते जा रही   है। अन्न औषध प्रशासन के अधिकारिओं के साथ मिलकर यह मिलावट खोर अपने मिलावटी का धंधा जोरशोर से चला रहे है जिससे   नागरिकों की जान को खतरा पैदा हो रही है।   इसलिए शिंदे फडणवीस सरकार इन अधिकारिओं के साथ मिलकर मिलावट करने वालो पर गंभीर   धाराएं लगाकर सख्त कार्रवाई करने की जरूरत   हैं।
कार्रवाई के दौरान छापे वाली जगह से 1 करोड़ 750 हजार रुपये का मिलावटी खाद्य तेल जब्त किया गया है. इनमें प्रिया सनफ्लावर, ईगल रिफाइंड ऑयल, केशव मस्टर्ड ऑयल, न्यू गौतम तर्कल, चेतन रिफाइंड सोयाबीन ऑयल, नटराज तिल ऑयल, प्योर गोल्ड, फॉर्च्यूनर सन लाइट, चिराग डालडा, जेमिनी सन फ्लावर, सूर्या डीलक्स, बालाजी तिल ऑयल, किचन किंग डालडा शामिल हैं। सोना, सौराष्ट्र, गुजरात डीलक्स जैसी कई कंपनी के नाम के तेल पैकेट शामिल हैं।